दोस्तों फाइनेंस, पैसा, धन किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है । फाइनेंशियल प्लानिंग हर एक व्यक्ति के लिए ज़रूरी होती है। चाहे वह किसी भी उम्र का हो, यदि वह कमाता है, तो ज़रूरी है के वह अपनी कमाई सही तरह से इस्तेमाल करे। जैसे खाना ज़रूरी है ज़िन्दगी के लिए, वैसे ही धन का सही तरह से इस्तेमाल और बचत करना ज़रूरी है एक आरामदेह जीवन के लिए ।
अपना धन आप कैसे इस्तेमाल करेंगे उसकी प्लानिंग करने के लिए आप को एकाउंट्स आती हो, ज़रूरी नहीं है | फाइनेंस या आपकी पैसे से जुड़ी हर गति विधि, जैसे पैसा इन्वेस्ट करना या पैसा उधार लेना, या किसी को पैसा उधार देना, इन सब का एक प्लान होना ज़रूरी है, जिसे आप मंथली बजट कह सकते है। आप मानें या न मानें, यह बजट का होना आप के लिए अतिरिक्त ज़रूरी है।
क्योंकि यही बजट करेगा आपके पैसों की मैनेजमेंट ताकि आप का जीवन सुखद हो । देखिये, कुछ भी खरीदने के लिए, हमें क्या चाहिए होता है? पैसा, और क्या? जब ये फंड्स इतने महत्वपूर्ण हैं, तो क्या इसकी मैनेजमेंट नहीं?
अब तक आप जान चुके होंगे कि पैसा चीज से जुड़ी है। इस ब्लॉग में हम आप को टॉप १० तरीके बताएंगे अपने फाइनेंस मैनेजमेंट के लिए |
१. पहचानिये अपने ज़रूरतों और दस्तावेज़ों को: यदि आपको अपने फाइनेंस की प्लानिंग करनी है तो सबसे पहले अपने दस्तावेज़ों के साथ बैठ जाए। समझ लें कि डॉक्यूमेंटेशन बुनियादी ज़रूरत है, बढ़िया फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए । सिर्फ हवा में हिसाब करने से नहीं चलेगा।
एक कागज़ में सूची तैयार करें अपनी आय और व्यय का । पैसे बचाने से पहले ज़रूरी है कि हम अपने महत्वपूर्ण व्यय को पहचानें। जब आप पहली बार यह सूची तैयार करेंगे और अपने खर्च को नोट करेंगे, तब सोचना ज़रूरी होगा कि क्या यह खरीदारी ज़रूरी थी या आप यह खरीदारी किये भी गुज़र कर सकते थे । अगर लगे के वह खरीदारी उतनी ज़रूरी नहीं थी तो कोशिश करना है कि ऐसी फ़िज़ूल के खर्च आगे के महीनों में न हों। यह हमेशा अपने ध्यान में रखें – आपकी व्यय आपकी आय से हमेशा कम हो।
२. खुद का आपातकालीन फण्ड बनायें – मंथली बजट बनाते वक़्त आप छोटा सा फण्ड बनायें फॅमिली इमरजेंसी के लिए | यह समझना ज़रूरी है कि इस फण्ड के पैसे इन्वेस्टमेंट के के लिए नहीं हैं । आप अपने आय के हिसाब से एक अमाउंट निश्चित करें की इतने पैसे प्रत्येक माह आप अपने किसी बचत खाते में डाल देंगे , इस अपेक्षा से कि जब कठिन परिस्थिति का सामना हो और हाथ तंग हो, तब ये संजोये हुए पैसे आप के काम आएं । इस फण्ड में इतना पैसा होना चाहिए कि अगर किसी कारणवश आप अपनी नौकरी खो दें तो लगभग साल भर बिना उधार लिए आप का घर आराम से चल जाए ।
३. उधार, लोन और इ.एम.आई से बचें – पैसे हिसाब से खर्च करने का एक आसान मंत्र है – कभी भी अपनी ज़रूरतों को उधार लेकर पूरा न करें। यह मान कर चलें कि पैसा बचाने के लिए उधारी की दुकान बंद करना ज़रूरी हैं । बहुत बार आवश्यक न होते हुए हम एक नये मॉडेल की टीवी या मोबाइल खरीद लेते हैं । हमें ऐसे फ़िज़ूल के खर्च से बचना चाहिए अपनी आर्थिक स्थिति मज़बूत हो | याद रखें पैसा बचाना, पैसा कमाने के बराबर होता है |
४. बजट बनाते वक़्त अपना जीवन लक्ष्य ध्यान में रखे – हर कमाने वाले इंसान के तीन महत्वपूर्ण लक्ष्य होते हैं – बच्चों की पढ़ाई , उनकी शादी और खुद का रिटायरमेंट प्लान । यह आपके बजेटिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं| क्योंकि यही आपके के भविष्य को संवारेंगे| इस लिए बजट करते वक़्त कुछ पैसा नियंत्रित रूप से आप म्यूच्यूअल फंड्स, स्टॉक एक्सचेंज में, रेकरिंग या फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्ट करें| आप पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध योजनाओं का भी फ़ायदा उठा सकते हैं अपनी पूँजी बढ़ाने के लिए। यहाँ ध्यान रखें, कि पैसा निवेश करते वक़्त आप ये समझ लें कि आप अपने पैसों का निवेश एक ही किस्म की इन्वेस्टमेन्ट प्लान पर न करें। अलग अलग इन्वेस्टमेंट प्लान में पैसा निवेश करना बुद्धिमान कार्य होगा|
५.बीमा करवाना ज़रूरी है – याद रखें इस युग में आड़े वक़्त पे कोई साथ नहीं देता है। यह न सोचें कि रक़म बड़ी है या छोटी, आप हर माह एक निश्चित रक़म से अपने घर, गाड़ी और खुद का बीमा ज़रूर करवाएं। ताकि आपके साथ और भी आप के बाद भी आप का परिवार अच्छी तरह जीवन यापन करें| जीवन बीमा के अलावा आप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में ज़रूर इन्वेस्ट करें । ताकि हेल्थ इमरजेंसी में आप को उधार का सहारा न लेना पड़े |
बिमा करवाना हर एक व्यक्ति के लिए अनिवार्य हैं| इससे आप के पैसो में वृद्धि होती है और भविष्य भी उज्जवल होता है | आप के हर बड़े खर्च में भागीदारी का काम करता है बिमा| चाहे बच्चो को विदेश पढ़ाई के लिए भेजना हो या किसी बड़ी बीमारी का इलाज करवानां हो, बिमा निभाता है आप का साथ| आपके जाने के बाद भी बिमा आपके परिवार के लिए आर्थिक ढाल बना रहता है|
६. निवेश पार्टनर सही चुनें – जिस तरह आप जीवन साथी चुनते वक़्त छत्तीस छत्तीस गुण मिलाते हैं, ठीक उसी तरह ज़रूरी हैं कि आप अपना निवेश भागीदार छान-बीन करके चुनें| बैंक, म्यूचुअल फण्ड, या और निवेश करने का कोई भी साधन सोच समझ कर करें| बेहतर होगा अगर आप अपने बैंकिंग अपने फाइनेंशियल क्षमता को ध्यान में रखते हुए चुनें| कोई ऐसा वैसा बैंक न चुनें, क्या पता कब बंद हो जाए और आपका पैसा डूब जाए।
७. ऋण लें, पर संपत्ति गठन के लिए – दोस्तों जहां आपको मोटे ऋण या उधारी से बचना है, वहा आप बड़ा ऋण लेने की सोच सकते हैं। अगर आप उस ऋण से अपने लिए कोई संपत्ति खरीदें जैसे जमीन, घर, दूकान या गाड़ी । लेकिन ऋण लेते वक़्त भी आप अपनी हैसियत को ध्यान में रखें। जितना ऋण उत्तारने का क्षमता हो, उतना ही ऋण लें| अन्यथा घर का मासिक बजट हिल जाएगा |
८. डिजिटल युग में भी साथी का साथ ज़रूरी – इस युग में बैंकिंग, इन्वेस्टमेंट इत्यादि डिजिटल हो चुका है| अब आप बैंक या आर्थिक लेन – देन के सारे काम ऑनलाइन करते हैं| इस लिए ज़रूरी है के जहाँ हम सतर्क रहते है बैंकिंग या इन्वेस्टमेंट को लेकर, वहाँ हम किसी भरोसेमंद व्यक्ति – माँ या अपने जीवन साथी को अपना बैंक, इन्वेस्टमेंट इत्यादि के डिटेल्स बता कर रखें| नॉमिनी हर एक इन्वेस्टमेंट और बैंक अकाउंट के लिए चुन लें| फाइनेंस से जुडी कोई भी अपडे हो तो उस व्यक्ति को ज़रूर बतायें जिसे आपने फाइनेंसियल डिटेल्स बता रखे हैं|
९. संपत्ति या गिफ्ट में मिला पैसा भी इन्वेस्ट करें – लाइफ में कभी न कभी लोटरी लगती है | जब अचानक आपको कोई राशि प्राप्त होती है या जयदाद का हिस्सा मिलता है | ऐसा होने पर ज़रूरी है के आप उस पैसे या सम्पत्ति का सदुपयोग करें | यदि एक बड़ी रकम मिली हो तो उसे सहीइन्वेस्टमेंट में लगा दे – जैसे म्यूच्यूअल फंड्स या स्टॉक में| अगर सम्पत्ति मिली हो तो उसे ऐसा इस्तेमाल में लायें कि आप उससे पैसा कमाएं | अधिकतर लोग ऐसे मिले पैसों को खर्च कर देते हैं जबकि हमें उस मिली राशि से अपनी धन में वृद्धि करना चाहिए |
१०. अनिश्चित समय से लड़ने के लिए अलग सोच लगाए – जॉब सिक्योरिटी बोल के कुछ नहीं है इस युग में | आपका जॉब जिसकी आय की फाइनेंसियल बजटिंग कर रहे हैं कभी भी जा सकती है | ऐसा सोचने में भी डर लगता है| लेकिन इस दौर का यही सब से बड़ी सच्चाई है | आप यहां बोल सकते हैं कि भाई आपातकालीन फण्ड है मेरे पास | लेकिन याद रखें कि यह फण्ड आप को सिर्फ साल भर संभाल सकता है | अगर तब भी जॉब नहीं मिला तो क्या होगा? इसलिए ज़रूरी है के हम नौकरी करते वक़्त एक आंतरिक आय का स्रोत तैयार रखें| यह कुछ भी हो सकता है – पार्ट-टाइम जॉब या कोई ऐसा ऐसा काम जो आप छुट्टी में करें या कोई साइड बिज़नेस स्टार्ट कर लें, या ट्यूशन ही पढ़ा लें | इससे आप की सेविंग्स सुरक्षित रहेगी और भविष्य उज्ज्वल रहेगा |
अगर आप यहाँ दिए गए १० मार्ग दर्शक सूचक को याद रखते हुए फाइनेंसियल प्लानिंग करेंगे तो आपकी धन में वृद्धि होगी| लेकिन याद रखें कि ऐसा करने में आपको कुछ समझौते भी करने पड़ेंगे|
डिस्क्लेमर : म्यूच्यूअल फंड निवेस बाज़ार के जोखमों के अधीन है | निवेश करने से पहले पड़ताल करले और अपने फाइनेंसियल अद्विसेर से सलाह लेकर निवेश करें |
-टाटा म्यूचुअल फंड द्वारा लिखित सामग्री
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